पति की आदतों में है ये बदलाव तो समझ जाइए अफेयर है

        मां बनने का अहसास किसी भी स्त्री के लिए बहुत खास होता है। नन्हीं किलकारियां जब घर में गूंजती हैं तो पूरा घर खुशियों से सराबोर हो उठता है। लेकिन अपने घर परिवार को नवजात शिशु के रूप में अनमोल खुशियों का तोहफा देकर ही आपका उत्तरदायित्व पूरा नहीं होता। अब आपके कंधों पर एक नन्हीं व प्यार भरी जिम्मेदारी भी आ गई है। शिशु के खान-पान से लेकर उसकी हर छोटी जरूरत का ध्यान रखना आपका फर्ज है। आमतौर पर कुछ माताओं को यह समस्या होती है कि उनके स्तनों में पर्याप्त दूध नहीं बनता, जिसके कारण उनका शिशु भूखा ही रह जाता है। वैसे आमतौर पर स्तनों में पर्याप्त दूध न बनने की समस्या गर्भनिरोधक गोलियां खाने, किसी खास बीमारी, न्यूट्रिशन की कमी व शरीर में किसी हार्मोनल बदलाव आदि के कारण भी हो सकती है। अब इस समस्या से निपटने और शिशु का पेट भरने के लिए नई माएं डिब्बे के दूध का सहारा लेती हैं। लेकिन याद रखिए कि डिब्बे का दूध आपके शिशु की सेहत के लिए न सिर्फ हानिकारक होता है, बल्कि इससे आपके और शिशु के बीच की बॉन्डिंग भी कमजोर होती है। अगर आप भी ब्रेस्ट मिल्क प्रॉडक्शन को लेकर परेशान हैं तो आईए जानते हैं कुछ ऐसे नुस्खे जो आपकी इस समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं- अक्सर देखने में आता है कि ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से न होने के कारण स्तन करने के बाद आप अपने बेबी को आसानी से स्तनपान करा सकती हैं। अगर आप बिना किसी दवाई या ट्रीटमेंट के अपने स्तनों में दूध का स्तर बढ़ाना चाहती हैं तो इसके लिएमेथीदाने से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। दरअसल, मेथीदानों में फाइटोएस्ट्रोजन नामक तत्व मौजूद होता है जो स्तन ग्रंथियों को प्रोत्साहित करता है। स्तन ग्रंथियों के प्रोत्साहन के कारण स्तनों के निप्पल में दूध का प्रवाह बेहतर तरीके से होने लगता है और जिससे । शिशु को भी पेट भरकर दूध मिल पाता है। मेथीदानों का सेवन करने के लिए एक चम्मच मेथीदानों को एक कप पानी में रात को भिगो . दें। अगली सुबह इस पानी को 3-5 मिनट के लिए उबालें। अब पानी को छान लें और इसे पीएं। बेहतर परिणाम के लिए इस पानी का सेवन प्रतिदिन करें।