घुटना इम्प्लांट के शुल्क में वृद्धि नहीं

  नई दिल्ली। घुटना इम्प्लांट कोलेकर देश के करोड़ों मरीजों के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने इन इम्प्लांट की कीमतों को नहीं बढाने का फैसला लिया है। राष्ट्रीय मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) की बैठक में इस प्रस्ताव को तैयार कर अंतिम मंजूरी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया गया है। इसके तहत वर्ष 2017 में घुटना इम्प्लांट की कीमतों पर लगे नियंत्रण को बरकरार रखने और कीमतें पहले जैसी ही रखने की सलाह दी गई है। यानि इस वर्ष घुटने के इंप्लांट की कीमतें नहीं बढ़ेंगी। अभी तक एक घुटने के इंप्लांट के लिए 54,720 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। बताया जा रहा है कि कुछ समय से इम्प्लांट निर्माता कंपनियों का सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा था। मूल्य नियंत्रण के बाद इनकी कीमतों में काफी कमी देखने को मिली है। 2017 से पहले देश में एक घुटना प्रत्यारोपण में मरीज को करीब सवा लाख रुपये का खर्च आता था, लेकिन अभी दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया जैसे अस्पताल में यह कीमत करीब 60 हजार तक पहुंच चुकी है। इसमें इम्प्लांट के अलावा अन्य सर्जरी सामान की कीमतें शामिल हैं। वहीं जो इम्प्लांट देश में भी बनते हैं, उनका मेटेरियल भी विदेशों से ही आता है। अस्पतालों में मिले लार्वा, नोटिस नई दिल्ली। पिछले कुछ दिन के भीतर दिल्ली के कई सरकारी और निजी अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलाने वाले एडिज मच्छरों के लार्वा मिले हैं, जिनके चलते न सिर्फ अस्पतालों को नोटिस दिया है बल्कि इनकी जल्द सफाई के आदेश भी दिए हैं। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की मानें तो जिन अस्पतालों को नोटिस मिले हैं, वहां औचक निरीक्षण सोमवार से किया जाएगा। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मुताबिक लार्वा मिलने के चलते सरकारी और निजी संस्थानों को मिलाकर कुल 96 चालान काटा गया है। इनमें से पांच अस्पताल हैं और संख्या का आधा तो सरकारी स्कूलों का है।