जर्मनी हिडेलबर्ग यूनिवर्सिटी काम से बना नाम

        यह विश्वविख्यात पब्लिक रिसर्च विश्वविद्यालय जर्मनी के हिडेलबर्ग में स्थित है। यह जर्मनी का सर्वाधिक प्राचीन विश्वविद्यालय है और ऐसा माना जाता है कि यह महान रोमन साम्राज्य द्वारा स्थापित किए गए विश्वविद्यालयों में से तीसरे स्थान पर है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना सन् 1386 में की गई थी। को-एजूकेशन वाला प्राचीन संस्थान हिडेलबर्ग विश्वविद्यालय को-एजुकेशन देने वाले विश्व के प्राचीन संस्थानों में शामिल है। महिलाओं को शिक्षा देने के महत्व को समझते हुए इस यूनिवर्सिटी में यह कार्य सन 1899 से शुरू किया गया था। आज यह यूनिवर्सिटी कई विषयों से संबंधित शाखाओं में अंडर ग्रेजुएट, ग्रेजुएट एवं डॉक्ट्रेट लेबल के कोर्स संचालित कर रही है। यह ख्यातिप्राप्त जर्मन यूनिवर्सिटी लैंग्वेज ऑफ यूरोपियन रिसर्च यूनिवर्सिटीज सहित कई ग्रुपों की सदस्य भी है। कोई नया नाम नहीं हिडेलबर्ग विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई नया नाम नहीं है। यह पूरी दुनिया में हमेशा चर्चा में रहता है लेकिन यूरोपीय देशों में इसकी ख्याति अधिक है। सारे यूरोप में रिसर्च के लिए इस संस्थान को जाना जाता है। इस विश्वविद्यालय से संबंध रखने वाले तकरीबन 50 से अधिक व्यक्ति विभिन्न क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। हिडेलबर्ग विश्वविद्यालय ने कई महान हस्तियां दुनिया को दी हैं इनमें से कई विभिन्न देशों के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री भी बने हैं। इस बात से ही स्पष्ट हो जाता है कि हिडेलबर्ग विश्वविद्यालय की शक्षिक गुणवत्ता कैसी है डाक्ट्रेट लेवल की पढाई हिडेलबर्ग विश्वविद्यालय डाक्ट्रेट लेवल की पढाई के लिए हिडेलबर्ग भी विद्यार्थियों की वरीयता सूची में बना हुआ है। तकरीबन एक हजार विद्यार्थी प्रतिवर्ष सफलतापूर्वक इस संस्थान से यह डिग्री हासिल करते हैं। इनमें विदेशी विद्यार्थियों की संख्या भी ठीक-ठाक ही रहती है। बहुत से विदेशी विद्यार्थी तो केवल यह डिग्री हासिल करने के लिए ही इस संस्थान को चुनते हैं। 20 प्रतिशत विदेशी विद्यार्थी हिडेलबर्ग यूनिवर्सिटी में इस समय तकरीबन 130 देशों के विद्यार्थी वहां चलाए जा रहे विभिन्न कोसों में प्रवेश लिए हुए हैं। अगर हम इस विश्वविद्यालय में संपूर्ण विदेशी विद्यार्थियों की संख्या की बात करें तो यह अनुमानत-कुल विद्यार्थियों का लगभग 20 प्रतिशत है। कैंपस एवं सुविधा इस विश्वविद्यालय के दो प्रमुख कैंपस हैं जिनमें से एक हिडेलबर्ग ओल्ड टाउन एवं दूसरा न्यूहमेर फील्ड में स्थित है। इन दोनों ही कैंपसों में विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं ताकि उनके शक्षिक स्तर को और भी बढ़ाया जा सके। सुविधाओं के मामले में यह अन्य समकक्ष विश्वविद्यालयों में कहीं से भी पीछे नहीं है। लाइब्रेरी यूरोपीय देशों में शिक्षा में सहायक होने वाली पुस्तकों का संग्रह हमेशा से सराहनीय रूप से किया जाता रहा है। इन लाइब्रेरियों को ही शिक्षा का मुख्य आधार भी माना जाता है। यही कारण है कि यूरोप की लगभग सभी यूनिवर्सिटियों में विश्वस्तरीय लाइब्रेरियां हैं। दि TEEL यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी हिडेनबर्ग विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी लाइब्रेरी है। है हिडेनबर्ग यूनिवर्सिटी से विश्वविद्यालय विषय शिक्षा संबंधित विभिन्न लाइब्रेरियों में तकरीबन 6.7 मिलियन के करीब पुस्तकें हैं, साथ ही लाखों की संख्या में माइक्रोफिल्म एवं वीडियो टेप इत्यादि भी विद्यार्थियों की सहायता के लिए मौजूद हैं। कडी प्रतिस्पर्धा अभी तक का जो ट्रेंड रहा है उसके अनुसार इस विश्वविद्यालय में किसी भी विषय या लेवल पर प्रवेश कडी प्रतिस्पर्धा के बाद ही संभव है। क्लिनिकल मेडिसिन, मॉलिक्यूलर बायोटेकनेलॉजी, पॉलिटिकल साइंस, लॉ इत्यादि सभी विषयों में एक-एक सीट के लिए कई-कई दावेदार सामने आते हैं। विदेशी विद्यार्थियों को भी इस तरह की प्रतिस्पर्धा का सामना यहां शिक्षा के दौरान प्रत्येक स्तर पर करना पडता है। हिडेनबर्ग यूनिवर्सिटी ने शिक्षा के क्षेत्र में कई पार्टनरशिप कर रखी हैं जिनका उद्देश्य वैश्विक शिक्षा के स्तर को और भी उन्नत करना एवं छात्रों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। कुछ प्रमुख संस्थान जिनके साथ पार्टनरशिप की गई है, निमन् हैं -अंडर ग्रेजुएट लेवल पर भावी विदेशी अंडर ग्रेजुएट विद्यार्थियों को जर्मन भाषा की संपरीक्षा जैसे डीएसएच देनी होती है। -मास्टर्स प्रोग्राम में प्रवेश पाने के लिए अंडर ग्रेजुएट डिग्री होना आवश्यक है जो कि जर्मन ग्रेड गुड के समकक्ष हो। -अंग्रेजी में पढ़ाए जाने वाले मास्टर्स प्रोग्रामों के लिए भी विदेशी छात्रों को जर्मन लैंग्वेज टेस्ट पास करना होता है। -पीएच-डी. में प्रवेश पाने के लिए अच्छे नंबरों से पास मास्टर्स डिग्री की आवश्यकता होती है पर विशिष्ट प्रवेशों के मामले में शिथिलता भी बरती जा सकती है। -विदेशी आवेदक 20 प्रतिशत के करीब होते हैं और उनके प्रवेश के संबंध में उनकी अपने देश में प्राप्त मेरिट के आधार पर भी विचार किया जाता है।